ट्राइकोमोनियासिस


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डॉ0 सारांश जैन


ट्राइकोमोनियासिस


                                      अगर किसी महिला की योनि से लगातार 6 महीनों से स्राव होने के साथ-साथ उसमें खुजली होती है। पति के साथ संबंध बनाते वक्त उसे दर्द होता है। पेशाब करने के वक्त उसे परेशानी होती है। तब तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह ट्राइकोमोनियासिस बीमारी हो सकती है।
            अक्सर पढ़ीलिखी होने के बावजूद अधिकांश महिलाएं अपने प्रजनन अंगों की देखभाल के प्रति गंभीर नहीं होतीं। स्त्री-पुरुषों में स्पष्ट शारीरिक भिन्नता होती है। स्‍त्रियों में प्रजनन अंगों का योनि, गर्भाशय व गर्भनली के माध्यम से सीधा संबंध होता है। पति-पत्नी के बीच शारीरिक संबंध दोनों के जीवन का सुखकारी समय होता है, किंतु कई बार महिलाओं में प्रसव, मासिक धर्म व गर्भपात के समय भी संक्रमण होने का डर होता है। ट्राइकोमोनियासिस का इलाज मैट्रोनीडाजोल नामक दवा से होता है, जो खाई जाती है और जैल के रूप में लगाई भी जाती है लेकिन डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें।
           अशिक्षा, गरीबी, शर्म के कारणों से अकसर महिलाएं प्रजनन अंगों के रोगों का उपचार कराने में आनाकानी करती हैं। प्रजनन अंगों के संक्रमण से एड्स जैसा खतरनाक रोग भी हो सकता है।

ट्राइकोमोनिएसिस कैसे होता है?

असुरक्षित योनि मैथुन (लिंग से योनि में, भग से भग में) करने से ट्रिक हो सकता है।
1. हमेशा कंडोम का प्रयाग करें।
2. जब आपको असामान्य स्राव, घाव या पेषाब करते समय दर्द होता हो तो ट्रिक एवं अन्य यौनसंचारित रोगों की जांच कराएं।
इन लक्षणों से पता चलता है कि कुछ न कुछ गड़बड़ है। साथ ही अपने साथी को इनके बारे में बताएं जिससे वह भी जांच करा सकें और इलाज करा सकें। वरना आप अनचाहे दुबारा संक्रमित हो सकते हैं।
3. यदि आप महिला हैं, तो पैप स्मीयर जांच (कोशिकाओं में बदलाव का पता लगाने के लिए की जाने वाली जांच) से पहले ट्रिक की जांच कराएं।

ट्राइकोमोनिएसिस के लक्षण क्या हैं?

अधिकांश लोगों में ट्राइकोमोनिएसिस संक्रमण-जिसे आम तौर पर ट्रिक के नाम से जाना जाता है, के कोई लक्षण नज़र नहीं आते हैं। महिलाओं की अपेक्षा अक्सर पुरुषों में कोई लक्षण नहीं दिखते।
यदि आपको ट्राइकोमोनिएसिस हुआ है, तो आम तौर पर संक्रमित होने के एक हफ्ते के भीतर लक्षण नज़र आ जाते हैं।
महिलाओं में ट्राइकोमोनिएसिस, योनि, मूत्र नली, मूत्राषय और गर्भग्रीवा को संक्रमित करता है। पुरुषों में यह केवल मूत्र नली और लिंग की आगे की चमड़ी के नीचे के हिस्से को संक्रमित करता है।
महिलाओं में ट्राइकोमोनियासिस होने के लक्षण हैं:-
  • योनि से पीला-हरा या दूधिया रंग का स्राव
  • योनि से तेज बदबू
  • पेशाब करते समय दर्द
  • सेक्स करते समय दर्द
  • योनि में खुजली
  • भग और भगोष्ठ में सूजन
कभी-कभार आपके मासिक धर्म के समय ये लक्षण और भी खराब हो सकते हैं। ऐसा कम होता है कि ट्रिक अपने-आप ठीक हो जाए। इसलिए यदि आपको इसके लक्षण नज़र आते हैं, तो इसका इलाज कराएं। साथ ही इसके बारे में अपने साथी को भी बताएं 
जिससे वह भी जाकर इसकी जांच करा सकें और इसका इलाज करा सकें।
यदि आप एक महिला हैं और इसका इलाज नहीं कराती हैं, तो क्या होता है?
यदि आप इलाज नहीं कराती हैं, तो एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित सेक्स करने पर आपको एचआईवी होने का जोखिम बढ़ जाता है। यदि आप गर्भवती हैं, तो आपकी समय से पहले या कम वज़न वाले बच्चे को जन्म देने की संभावना अधिक रहती हैं।

पुरुषों में ट्राइकोमोनिएसिस होने के लक्षण हैंः
  • लिंग से स्राव, अक्सर सुबह पहली बार पेषाब करते समय
  • लिंग के मुंड या मूत्र द्वार के आस-पास खुजली
  • पेशाब करते समय दर्दऐसा कम होता है कि ट्रिक अपने-आप ठीक हो जाए। इसलिए यदि आपको इसके लक्षण नज़र आते हैं तो इसका इलाज कराएं।

ट्रिक की जांच कैसे कराएं?

                         महिलाओं के मामले में, डाक्टर आपकी योनि के अंदर से सैम्पल ले सकती है या आपको अपनी पेशाब का सैम्पल देने को कह सकती हैं। नियमित सरवाइकल स्मियर या सरवाइकल कैंसर के लिए पैप टेस्ट कराते समय भी आप ट्रिक की जांच करने को कह सकती हैं। चूंकि आम तौर पर पैप के साथ यह जांच नहीं की जाती है, इसलिए आपको इसके लिए खास तौर पर कहना पड़ेगा।
पुरुषों के मामले में, स्वास्थ्य कर्मी या डाक्टर, ट्रिक की जांच के लिए आपकी मूत्र नली से ट्रिक की जांच के लिए तरल का सैम्पल तो इसका इलाज कराएं।
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